No. |
Acc.No |
Title of Books |
Authors/Editors |
Publishers |
Pub. Year |
840 |
9318 |
सौराष्ट्रना स्वातंत्र्य सैनिको अने लढतो |
जयाबहेन वजुभाई शाह - संपादक |
Saurastra Rachanatmak Samiti Seva Trust Rastriyashala Pragan Rajkot - 390002 Gujarat |
2019 |
843 |
734 |
गीताध्वनि |
मशरुवाला किशोरलाल |
नवजीवन प्रकाशन मंदिर, अहमदाबाद |
1995 |
844 |
735 |
गीताध्वनि |
मशरुवाला किशोरलाल |
नवजीवन प्रकाशन मंदिर, अहमदाबाद |
2002 |
845 |
9185 |
विनोबा साथे बालपणमां |
भावे बाळकोबा |
यक्ष प्रकाशन, हुजरात पागा, वडोदरा |
1985 |
846 |
722 |
विनोबाजीना सानिध्यमां |
शाह कान्ति - संपा |
यक्ष प्रकाशन, हुजरात पागा, वडोदरा |
1977 |
847 |
8024 |
विनोबाजीना सानिध्यमां |
शाह कान्ति - संपा |
यक्ष प्रकाशन, हुजरात पागा, वडोदरा |
1977 |
848 |
724 |
साम्ययोगी विनोबा |
चौक्सी प्रबोध |
यक्ष प्रकाशन, हुजरात पागा, वडोदरा |
1956 |
849 |
726 |
साम्ययोगी विनोबा |
चौक्सी प्रबोध |
पुस्तकालय सहाय्यक सहकारी मंडळ लि. वडोदरा |
1952 |
850 |
748 |
गाँव गाँव में स्वराज्य |
विनोबा |
सर्व सेवा संघ प्रकाशन, वाराणसी |
1959 |
851 |
725 |
गांधी जनने |
विनोबा, चोक्सी प्रबोध - संपादक |
यज्ञ प्रकाशन, हुजरात पागा, वडोदरा |
1958 |
852 |
737 |
गीता प्रवचनो |
विनोबा |
परंधाम प्रकाशन, पवनार, वर्धा |
1959 |
853 |
14 |
जिवन दृष्टी |
भावे विनोबा, देशपांडे पांडुरंग गणेश - अनुवाद |
नवजीवन प्रकाशन मंदिर, अहमदाबाद |
1954 |
854 |
16 |
जिवन दृष्टी |
भावे विनोबा, देशपांडे पांडुरंग गणेश - अनुवाद |
नवजीवन प्रकाशन मंदिर, अहमदाबाद |
1958 |
855 |
8030 |
नाममाला |
विनोबा |
यज्ञ प्रकाशन समिती, वडोदरा |
1973 |
856 |
721 |
पूज्य विनोबाजीनी मंगल वाणी |
विनोबा |
सर्व सेवा संघ प्रकाशन, वाराणसी |
- |
857 |
720 |
बृहदारण्यक उपनिषद |
विनोबा |
सर्व सेवा संघ प्रकाशन, वाराणसी |
1944 |
858 |
8029 |
भागवत धर्म सार |
विनोबा |
यज्ञ प्रकाशन समिती, वडोदरा |
1969 |
859 |
9181 |
भाषानो सवाल |
विनोबा |
यज्ञ प्रकाशन समिती, वडोदरा |
1965 |
860 |
723 |
भूदान गंगा |
विनोबा, निर्मला देशपांडे -अनुवाद |
यज्ञ प्रकाशन, हुजरात पागा, वडोदरा |
1957 |
861 |
718 |
भूदान यज्ञ |
विनोबा |
सर्व सेवा संघ प्रकाशन, वाराणसी |
1953 |
862 |
8031 |
मधुकर |
भावे विनोबा |
नवजीवन प्रकाशन मन्दिर, अहमदाबाद |
1956 |
863 |
719 |
मधूकर |
विनोबा |
सर्व सेवा संघ प्रकाशन, वाराणसी |
1941 |
864 |
4 |
साम्यसूत्र: गीता पर लखायेलां 108 संस्कृत सूत्रो सहित योग अने सांख्य द्रष्टीए तेनुं विवेचन करतां आठ प्रवचनो |
विनोबा, चोक्सी प्रबोध - संपादक |
यज्ञ प्रकाशन, हुजरात पागा, वडोदरा |
1995 |